Thursday, June 12, 2008

नोम चॉमस्‍की - मीडिया के आधार

अमेरिकी विचारक नोम चॉमस्‍की का मानना है कि मीडिया एक ऐसा बाजार तंत्र है जिसकी दिशा लाभ तय करता है। मालिक मीडिया की विषय वस्‍तु तय करता है। और यह प्रोपेगंडा किया जाता है कि इस विषय पर जनता के बीच सहमति है। मीडिया को समझने के लिए नोम पांच आधार तय करते हैं। एक है पैसा। पैसे के मालिक का एक ही मकसद होता है लाभ कमाना। दूसरा आधार है विज्ञापन। यह सहमति बनाने और विचार को नियंत्रित करने में अपनी भूमिका निभाता है। तीसरा आधार है जानकारी। यह सरकार, व्‍यवसाय और विशेषज्ञ के गठजोड़ से आती है। मीडिया का चौथा आधार है आलोचना। मीडिया के आलोचक भी सरकार, व्‍यवसाय और यथास्थिति के पक्षधर होते हैं। पांचवां आधार साम्‍यवाद विरोध। आजकल साम्‍यवाद का विरोध पैसा कमाने का दूसरा मूल्‍य है।मीडिया पर तीन सवाल खड़ा करते हुए नोम पूछते हैं कि वह कौन सा इतिहास है जो इतना भद्दा है कि उसे कथाओं में छुपाना पड़ता है। वो कैसी नीतियां हैं जिन्‍हें हम जानें तो समर्थन नहीं करते। वे कैसी नीतियां है जिन्‍हें सरकार छिपाती है।

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