Thursday, June 12, 2008

गंगा और महादेव - राही मासूम रजा

मेरा नाम मुसलमानों जैसा है
मुझको कत्‍ल करो और मेरे घर में आग लगा दो
मेरे उस कमरे को लूटो जिसमें मेरी बयाने जाग रही हैं
और मैं जिसमें तुलसी की रामायण से सरगोशी करके
कालीदास के मेघदूत से यह कहता हूं
मेरा भी एक संदेश है।
मेरा नाम मुसलमानों जैसा है
मुझको कत्‍ल करो और मेरे घर में आग लगा दो
लेकिन मेरी रग-रग में गंगा का पानी दौड़ रहा है
मेरे लहू से चुल्‍लू भर महादेव के मुंह पर फेंको
और उस योगी से कह दो-महादेव
अब इस गंगा को वापस ले लो
यह जलील तुर्कों के बदन में गढा गया
लहू बनकर दौड़ रही है।

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